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Showing posts from December, 2019

नई साल में तोहफा हमारे सभी भारतीय भाइयों के लिए!

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2019 to 2020 दोस्तों आप सभी को 2020 की हार्दिक शुभकामनाएं।  और एक बार 2019 के बारे में यादों को ताजा करते हुए।  दोस्तों👭👬👫 आज हम सभी खुश है, और खुश होना चाहिए।  आप इसलिए खुश है ं, कि 2020 आज से सुरु हो गया।  आप अपने दिमाग पर जोर देते हुए इसको भी गौर करें कि यह 2020 आया यह खुशी नहीं, बल्कि आपकी जिंदगी का एक वर्ष कम हो गया।  अब आपको यह भी सोंचना चाहिए, कि आप जो 2019 वर्ष गुजार चुके हो  उसमें आपने अपने लक्ष्य को हासिल किया या नहीं अगर आपका उत्तर नहीं  तो आपको यह सोंचना चाहिए कि आप क्या करे ं  जिससे आप कामयाबी हासिल करें आज के दिन दुनिया गफलत में डूबी हुई है  "  यह  दुनिया कैसी बस्ती है  जहाँ मस्ती ही मस्ती है           किसी के जाने से गम नहीं            किसी के आने पर हसती है कहीं जश़नो का आलम है कहीं गाती यह बस्ती है                  मेरे शब्दों के लहजे ़़को                नहीं यह तो समझती है     इसे कैसे सुनाऊँ मैं ,   इसे कैसे बताऊँ मै                   यह तो डूबी है  गफलत में              खुद की हसती , कम करने में हश्ती है अगर आप सभी को हमारे आर्टिकल अच्छे लगें तो 

एक ऐसे गरीब बच्चे की कहानी, जिसने अपनी सोच💭 की दम पर कामयाबी हासिल की।

https://youtu.be/xn80bT7Sdxw

👑🏰राजा और शिक्षक

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ऐसे  युवक की कहानी, जो अपने काम के प्रति लगन के कारण उच्च सम्मान का हकदार बना __________________________________________ दक्षिण भारत में एक राजा था।   एक दिन उसने अपने कुछ दरबारियों से कहा, कि गाँव में जाकर पता लगाए कि हमारी प्रजा कैसे रहती है और हाँ, उस व्यक्ति को साथ लेकर आना, जो अपने काम से सन्तुष्ट हो। पर उन्हें यह पता न चले कि मैंने तुम लोगो को भेजा है। सभी दरबारी इसी बात पर मंथन करते रहे  कि उन्हें क्या करना है। अगले दिन वो गाँव की तरफ निकल पड़े। सबसे पहले उन्हें एक लकड़ हारा दिखाई पड़ा, जो लकड़ीयों  को काट रहा था। दरबारियों में से एक ने जाकर पूंछा, क्या आपको यह काम पसंद है? लकडहारे ने गुस्से से कहा खाक पसंद है। यह हमारा पुस्तैनी काम है, इसलिए मेरे माता पिता ने जबरदस्ती इसे करने को कहा है।  वह दरबारी फिर वहाँ से लौट आया और अपने साथियों के साथ आगे चल पड़ा। कुछ दूर आगे जाने पर, उन्हें एक व्यक्ति नदी के घाट पर कपड़े धोता दिखाई दिया।  उनमें से एक उसके पास जाकर बोला  , नमस्ते मैं गाँव से आया हूँ, इसलिए यहाँ के बारे में मुझे मालूम नहीं है।  यही ं कहीं  मेरा दोस्त राम रहता है, क्या आप उ

क्या गधे को नई दिल्ली आने की मनाही है।

क्या  गधे को नई दिल्ली आने की मनाही है ❓ ..... .... दिल्ली में नई दिल्ली है और नई दिल्ली में कनांट प्लेस है। कनांट प्लेस बड़ी सुन्दर जगह है। शाम के समय मैंने देखा कि लोग लोहे के गधों पर सवार होकर इसकी गोल सड़कों पर घूम रहे हैं। यह लोहे का गधा इसमें तेज भाग सकता है, परन्तु हमारी तरह आवाज नहीं निकाल सकता। यहाँ पर मैंने बहुत से लोगों को भेंड़ की खाल के बालों के कपड़े पहने हुए देखा है ।  औरतें अपने मुंह और नाखून💅 रंगती है ं। और अपने बालों को इस प्रकार से ऊंचा करके बांधती हैं  कि दूर से वो बिलकुल गधे के कान मालूम होते हैं। अर्थात इन लोगों को गधे बनने का कितना शौक है, यह आज मालूम हुआ। कनांट  प्लेस से टहलता हुआ मैै इंडिया गेट 🇮🇳 चला गया। यहाँ चारों ओर बड़ी सुन्दर घास बिछी थी और उसकी दूब तो अत्यंत स्वादिष्ट थी।  मैं दो तीन दिन से भूखा तो था ही, बड़े मजे से मुह मार मार कर चरने लगा। इतने में एक जोर का डंडा मेरी पीठ पर पड़ा। मैंने घबरा कर देखा, एक पुलिस👮 का सिपाही क्रोध भरे स्वर में कह रहा था- " यह कमबख्त गधा🐴 यहाँ कैसे घुस आया""?  **मैंने पलटकर  कहा- क्यो भाई, क्या गधों     

https://youtu.be/xn80bT7Sdxw

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