क्या गधे को नई दिल्ली आने की मनाही है।

क्या गधे को नई दिल्ली आने की मनाही है ❓
..... .... दिल्ली में नई दिल्ली है और नई दिल्ली में कनांट प्लेस है। कनांट प्लेस बड़ी सुन्दर जगह है। शाम के समय मैंने देखा कि लोग लोहे के गधों पर सवार होकर इसकी गोल सड़कों पर घूम रहे हैं। यह लोहे का गधा इसमें तेज भाग सकता है, परन्तु हमारी तरह आवाज नहीं निकाल सकता। यहाँ पर मैंने बहुत से लोगों को भेंड़ की खाल के बालों के कपड़े पहने हुए देखा है। 
औरतें अपने मुंह और नाखून💅 रंगती है ं। और अपने बालों को इस प्रकार से ऊंचा करके बांधती हैं  कि दूर से वो बिलकुल गधे के कान मालूम होते हैं। अर्थात इन लोगों को गधे बनने का कितना शौक है, यह आज मालूम हुआ। कनांट प्लेस से टहलता हुआ मैै इंडिया गेट 🇮🇳 चला गया। यहाँ चारों ओर बड़ी सुन्दर घास बिछी थी और उसकी दूब तो अत्यंत स्वादिष्ट थी। 
मैं दो तीन दिन से भूखा तो था ही, बड़े मजे से मुह मार मार कर चरने लगा। इतने में एक जोर का डंडा मेरी पीठ पर पड़ा। मैंने घबरा कर देखा, एक पुलिस👮 का सिपाही क्रोध भरे स्वर में कह रहा था-
"यह कमबख्त गधा🐴 यहाँ कैसे घुस आया""? 
**मैंने पलटकर  कहा-क्यो भाई, क्या गधों       
को दिल्ली में आने की मनाही है? 
मुझे बोलता देखकर वह सटपटा  गया। 
शायद उसने इससे पहले आज तक किसी गधे को बोलते नहीं सुना था। 
फटी फटी आंखो से मेरी ओर देखने लगा।थोड़ी देर बाद उसका आश्चर्य कुछ कम हो गया, तो मुझे रस्सी में खींच कर थाने ले चला। 
थाने में लेजाकर उसने मुझे कांस्टेबल के सामने जा खड़ा किया। 
हेड कांस्टेबल ने बड़े आश्चर्य से उसकी ओर देखकर कहा, " इसे यहाँ क्यों लाए हो, राम सिंह? 
राम सिंह ने कहा, हुजूर यह एक 🐴गधा है। "
यह तो मैं भी देख रहा हूँ, मगर तुम इसे यहाँ क्यों लाए हो? "
यह इंडिया🇮🇳 गेट पर घास चर रहा था। 
कांस्टेबल ने कहा, चर रहा था तो क्या हुआ। 
तुम्हारी बुद्धि तो घास चरने नहीं गयी। 
Note💌:-This is a story  :- इसका मकसद किसी भी की भावनाओ को क्षति पहुंचाना नहीं है। 
...... 

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